Doctor kaise bane – सरकारी डॉक्टर बनने की सम्पूर्ण जानकारी

Doctor kaise bane : (How to become a doctor in India) स्कूल में बच्चो से जब पूछा जाता है की आप बड़े होकर क्या बनना चाहते है तब उनका ज्यादा तर उत्तर यही रहता है , इंजीनियर , आईएएस या डॉक्टर।

लेकिन इस आर्टिक्ल में हम केवल डॉक्टर के बारे में ही बात करेंगे जो भी बच्चे डॉक्टर बनने की सोच रहे है या उन्हें समझ नहीं आ रहा है की वह क्या  करे तो आज की इस पोस्ट में डॉक्टर से जुडी सभी मुख्य बात को समझने की कोशिश करेंगे।

डॉक्टर कैसे बने
डॉक्टर कैसे बने

हमारे भारत देश में हर युवक यही चाहता है की वह आगे कुछ बेहतर करियर चुन सके जिससे उसकी लाइफ बहुत आसान हो सके।  डॉक्टर का करियर एक बेहतर ऑप्शन होता है जिसमे कमाई के साथ अच्छा खासा नाम सौहरत और इज्जत वाली जिंदगी होती है।

लेकिन डॉक्टर बनना इतना आसान नहीं होता है जितना हमे सुनने में आनंद आता है इस मार्ग में आने से पहले आपको बहुत सी बातों का ध्यान रखना होता है तभी आप एक सक्सेस डॉक्टर बन सकते है। जब कोई छात्र डॉक्टर बनने की इच्छा रखता है या उसका सपना देखता है, तो उसे कड़ी मेहनत और प्रेरित अध्ययन की एक श्रृंखला से गुजरना पड़ता है। इसकी शुरुआत सीधे योजना और तैयारी से होती है आपका एक लक्ष्य होता है।

डॉक्टर बनने के लिए कुछ चरणों का पालन करना होता है और उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। व्यक्ति को जीवन में मेडिकल करियर चुनने, विशेष रूप से डॉक्टर बनने के लिए आने वाली चुनौतियों और चुनौतियों के लिए हमेशा तैयार रहना पड़ता है  और इसके लिए जीवन में कुछ सख्त नियम और अनुशासन की आवश्यकता होती है। इसलिए निरंतर कड़ी मेहनत के लिए हमेशा तैयार रहें।

Table of Contents

Doctor kaise bane स्टेप से समझिये  – (How to Become a Doctor in India) 

डॉक्टर बनने का सफर लंबा और चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन यह अत्यधिक पुरस्कृत भी है। डॉक्टर बनने के लिए समर्पण, कड़ी मेहनत और चिकित्सा के क्षेत्र में मजबूत प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। प्रक्रिया को समझने में आपकी सहायता के लिए यहां चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका दी गई है:

  • चरण 1: अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी करें (10+2)
  • चरण 2: मेडिकल प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करें
  • चरण 3: एमबीबीएस की डिग्री हासिल करें
  • चरण 4: इंटर्नशिप पूरी करें
  • चरण 5: चिकित्सा पंजीकरण प्राप्त करें
  • चरण 6: विशेषज्ञता (वैकल्पिक)
  • चरण 7: अभ्यास या रोजगार

चरण 1: अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी करें (10+2)

सबसे पहले आप अच्छे अंको के साथ 10 वी पास करे। पास करने के बाद आपको आगे पढ़ाई करने के लिए विषय का चुनाव करना होता है जैसे आर्ट , बायो ,गणित आदि।  डॉक्टर बनने के लिए आपको बायो विषय का चुनाव करना होता है जिसमें आपके मुख्य विषय Physics, Chemistry, Biology शामिल होते है।PCB (Physics, Chemistry, Biology) के साथ आप  12 वी पास करें अच्छे अंक के साथ।। यह मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए अनिवार्य है।

चरण 2: मेडिकल प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करें

10+2 की शिक्षा पूरी करने के बाद, आपको राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET)  बैठना होगा। यह परीक्षा भारत में अधिकांश मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए अनिवार्य है। इस परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने से आपको एक अच्छे सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल सकता है। अपनी 10+2 परीक्षाओं में, विशेषकर विज्ञान विषयों में, उच्च अंक प्राप्त करने का लक्ष्य रखें। न्यूनतम 50-60% आवश्यक है, लेकिन उच्च अंक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में आपकी संभावनाओं को बेहतर बनाते हैं।

चरण 3: एमबीबीएस की डिग्री हासिल करें

NEET क्लियर करने के बाद MBBS कोर्स  (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery) में दाखिला लें। अवधि 5.5 वर्ष है, जिसमें 4.5 वर्ष का शैक्षणिक अध्ययन और 1 वर्ष की इंटर्नशिप शामिल है।एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और अन्य जैसे विभिन्न विषयों का अध्ययन करें।

चरण 4: इंटर्नशिप पूरी करें

MBBS की पढ़ाई पूरी करने के बाद, 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप पूरी करनी होती है। इस दौरान विभिन्न चिकित्सा विभागों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होता है, जो आपकी चिकित्सकीय कौशल को निखारता है।

चरण 5: मेडिकल रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें

इंटर्नशिप पूरी करने के बाद, आपको राज्य या केंद्रीय चिकित्सा परिषद (जैसे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया – MCI) में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। यह आपको कानूनी रूप से प्रैक्टिस करने का अधिकार देता है।

चरण 6: विशेषज्ञता (वैकल्पिक)

यदि आप किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करना चाहते हैं, तो NEET-PG या अन्य पोस्ट-ग्रेजुएट प्रवेश परीक्षाएं दे सकते हैं। MD (Doctor of Medicine) या MS (Master of Surgery) जैसे कोर्सों में दाखिला लेकर आप अपनी विशेषज्ञता बढ़ा सकते हैं।

चरण 7: अभ्यास या रोजगार

अब आप एक पूर्ण डॉक्टर बन चुके हैं। आप निजी प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं, सरकारी या निजी अस्पतालों में नौकरी कर सकते हैं, या मेडिकल रिसर्च, शिक्षा (मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर), और पब्लिक हेल्थ जैसे क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं।

  • लगन और धैर्य: डॉक्टर बनने का सफर लंबा और चुनौतीपूर्ण होता है, इसलिए धैर्य और समर्पण आवश्यक है।
  • निरंतर शिक्षा: चिकित्सा क्षेत्र में निरंतर अपडेट रहना आवश्यक है, इसलिए निरंतर शिक्षा और ट्रेनिंग पर ध्यान दें।
  • प्रैक्टिकल अनुभव: जितना अधिक व्यावहारिक अनुभव होगा, उतना ही बेहतर डॉक्टर बन पाएंगे।

12वीं के बाद Doctor कैसे बनें? | 12th ke baad Doctor kaise bane

  1. हाई स्कूल (10+2): पीसीबी विषय चुनें और अच्छा स्कोर करें।
  2. प्रवेश परीक्षा: NEET-UG उत्तीर्ण करें।
  3. एमबीबीएस डिग्री: 5.5 साल का एमबीबीएस कोर्स पूरा करें।
  4. इंटर्नशिप: 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप समाप्त करें।
  5. पंजीकरण: मेडिकल काउंसिल के साथ पंजीकरण करें।
  6. विशेषज्ञता: वैकल्पिक रूप से, एमडी या एमएस करें।
  7. प्रैक्टिस/रोजगार: निजी प्रैक्टिस शुरू करें या अस्पतालों में काम करें।
  8. इन चरणों का पालन करके, आप सफलतापूर्वक एक डॉक्टर बन सकते हैं और चिकित्सा में एक सफल करियर शुरू कर सकते हैं। याद रखें, सफलता की कुंजी आपके समर्पण, कड़ी मेहनत और निरंतर सीखने में निहित है।

Doctor kaise bane 10th के बाद

10वीं के बाद डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहले आपको 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान (PCB – भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान) का चयन करना होगा। 12वीं की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के बाद, आपको राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में बैठना होगा। यह परीक्षा भारत में मेडिकल कॉलेजों में MBBS कोर्स में प्रवेश के लिए आवश्यक है। NEET परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने के बाद, आप किसी अच्छे मेडिकल कॉलेज में MBBS कार्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं।

MBBS कोर्स 5.5 साल का होता है, जिसमें 4.5 साल का शैक्षिक प्रशिक्षण और 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल होती है। इंटर्नशिप पूरी करने के बाद, आपको राज्य या केंद्रीय चिकित्सा परिषद में पंजीकरण कराना होता है, जिससे आप कानूनी रूप से चिकित्सकीय प्रैक्टिस कर सकें।

इसके बाद आप चाहें तो विशेषज्ञता (MD या MS) की पढ़ाई भी कर सकते हैं। इस प्रकार, 10वीं के बाद सही दिशा में शिक्षा और परिश्रम के साथ आप एक सफल डॉक्टर बन सकते हैं।

Doctor बनने के लिए विषय क्या है ?

डॉक्टर बनने के लिए, आपको 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान विषय भौतिकी (Physics), रसायन (Chemistry) और जीवविज्ञान (Biology) का चुनाव करना होता है। इन तीनों विषयों में गहन अध्ययन आपको मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) के लिए तैयार करेगा, जो भारत में किसी भी मेडिकल कॉलेज में MBBS कोर्स में प्रवेश के लिए अनिवार्य है। इसके साथ ही, अंग्रेजी (English) का ज्ञान भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अधिकांश मेडिकल अध्ययन सामग्री अंग्रेजी में होती है।

12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में इन विषयों में अच्छे अंक प्राप्त करना आवश्यक है, क्योंकि यह आपके NEET परीक्षा में अच्छे स्कोर के लिए आधारशिला का काम करेगा। गणित (Mathematics) वैकल्पिक विषय के रूप में लिया जा सकता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। इन मुख्य विषयों का चयन और उनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन ही डॉक्टर बनने की दिशा में पहला कदम है।

अनिवार्य विषय

  1. भौतिकी (Physics) : चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्रों में भौतिकी के सिद्धांत महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे रेडियोलॉजी, कार्डियोलॉजी आदि।
  2. रसायन (Chemistry): रसायन शास्त्र आपको दवाइयों की रचना, उनकी क्रियावली और उनके उपयोग को समझने में मदद करता है।
  3. जीवविज्ञान (Biology): जीवविज्ञान मानव शरीर की संरचना, कार्यप्रणाली और विभिन्न जीवों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। यह विषय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चिकित्सा के मूल सिद्धांतों को समझने में मदद करता है।

वैकल्पिक विषय

  1. अंग्रेजी (English): चिकित्सा विज्ञान में अधिकतर अध्ययन सामग्री अंग्रेजी में होती है, इसलिए अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान महत्वपूर्ण है।
  2. गणित (Mathematics): (वैकल्पिक) कुछ छात्र गणित भी चुनते हैं, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है। गणित तार्किक सोच और समस्या सुलझाने की क्षमता को मजबूत करता है।

Doctor बनने के लिए NEET में प्रवेश प्रक्रिया क्या है ?

डॉक्टर बनने के लिए नीट (NEET) में प्रवेश प्रक्रिया कुछ प्रमुख चरणों में विभाजित है। यहाँ नीट प्रवेश प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया गया है:

पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)

  • शैक्षणिक योग्यता: उम्मीदवार को 12वीं कक्षा (10+2) में भौतिकी (Physics), रसायन (Chemistry), और जीवविज्ञान (Biology) के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए।
  • न्यूनतम अंक: सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 12वीं में PCB में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त करने चाहिए। आरक्षित वर्ग (SC/ST/OBC) के उम्मीदवारों के लिए यह सीमा 40% है।
  • आयु सीमा: उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 17 वर्ष होनी चाहिए और अधिकतम आयु 25 वर्ष (आरक्षित वर्ग के लिए 30 वर्ष) होनी चाहिए।

नीट परीक्षा के लिए पंजीकरण (Registration for NEET Exam)

  • आवेदन फॉर्म: उम्मीदवारों को NTA (National Testing Agency) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नीट परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरना होता है।
  • आवश्यक दस्तावेज: आवेदन के समय आवश्यक दस्तावेज जैसे कि पासपोर्ट साइज फोटो, हस्ताक्षर, 10वीं और 12वीं की अंकतालिका, आदि अपलोड करने होते हैं।
  • आवेदन शुल्क: उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करना होता है।

3. नीट परीक्षा की तैयारी (Preparation for NEET Exam)

  • अध्ययन सामग्री: भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान के विषयों के लिए एनसीईआरटी किताबों के साथ-साथ अन्य मानक संदर्भ पुस्तकों का अध्ययन करें।
  • कोचिंग क्लासेस: यदि आवश्यक हो, तो नीट की तैयारी के लिए कोचिंग क्लासेस जॉइन करें।
  • मॉक टेस्ट: समय-समय पर मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी को परखें और सुधार करें।

4. नीट प्रवेश पत्र (Admit Card)

  • डाउनलोड: पंजीकरण के बाद, NTA द्वारा नीट परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी किया जाता है जिसे उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करना होता है।

5. नीट परीक्षा (NEET Exam)

  • परीक्षा का दिन: निर्धारित परीक्षा केंद्र पर निर्धारित तिथि और समय पर नीट परीक्षा दें।
  • परीक्षा पैटर्न: नीट परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, जिनमें से 45 प्रश्न भौतिकी, 45 प्रश्न रसायन, और 90 प्रश्न जीवविज्ञान से होते हैं। परीक्षा कुल 720 अंकों की होती है।

6. परिणाम और रैंक (Results and Rank)

  • परिणाम घोषित: नीट परीक्षा के कुछ हफ्तों बाद, NTA द्वारा परिणाम और रैंक सूची घोषित की जाती है।
  • रैंक: उम्मीदवारों को उनकी स्कोर और अखिल भारतीय रैंक (AIR) के आधार पर रैंक दी जाती है।

7. काउंसलिंग और सीट आवंटन (Counseling and Seat Allotment)

  • काउंसलिंग प्रक्रिया: नीट परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को MCC (Medical Counseling Committee) और राज्य काउंसलिंग समितियों द्वारा आयोजित काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेना होता है।
  • चॉइस फिलिंग: उम्मीदवार अपनी पसंदीदा मेडिकल कॉलेजों और कोर्स की प्राथमिकताएं दर्ज करते हैं।
  • सीट आवंटन: उम्मीदवार की रैंक, श्रेणी और उपलब्ध सीटों के आधार पर मेडिकल कॉलेज और कोर्स आवंटित किए जाते हैं।
  • दस्तावेज सत्यापन: आवंटित कॉलेज में जाकर आवश्यक दस्तावेज जमा कर सत्यापन करवाना होता है।

8. प्रवेश और पढ़ाई (Admission and Studies)

  • प्रवेश: सफल उम्मीदवार आवंटित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेते हैं और MBBS कोर्स में दाखिला प्राप्त करते हैं।
  • कोर्स की अवधि: MBBS कोर्स की अवधि 5.5 साल होती है, जिसमें 4.5 साल की शैक्षिक पढ़ाई और 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल होती है।

इस प्रकार, नीट प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से डॉक्टर बनने की दिशा में यह प्रमुख कदम हैं।

Doctor की डिग्री के लिए टॉप मेडिकल कॉलेज

भारत में डॉक्टर की डिग्री (MBBS) प्राप्त करने के लिए कई प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज हैं। ये कॉलेज न केवल उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि बेहतरीन अनुसंधान सुविधाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रदान करते हैं।

  1. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS), नई दिल्ली –  AIIMS भारत का सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान है, जो बेहतरीन चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए जाना जाता है।
  2. क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC), वेल्लोर तमिलनाडु – CMC वेल्लोर अपने उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं के लिए प्रसिद्ध है।
     
  3. मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज (MAMC), नई दिल्ली – MAMC देश के शीर्ष सरकारी मेडिकल कॉलेजों में से एक है, जो बेहतरीन शैक्षिक और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करता है।
  4. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ- KGMU उत्तर भारत के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक है, जो उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा शिक्षा प्रदान करता है।
  5. जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER), पुडुचेरी – JIPMER एक स्वायत्त संस्थान है, जो बेहतरीन चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए जाना जाता है।
  6. लाड्य हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (LHMC), नई दिल्ली – यह महिला चिकित्सा शिक्षा में प्रमुख है और उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है।
    ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबई – यह भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में से एक है।
  7. एम्स, भुवनेश्वर –  AIIMS के नए कैम्पस में से एक, जो उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में तेजी से अपनी पहचान बना रहा है
  8. सवार्न जयन्ति सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (SGPGIMS), लखनऊ- यह संस्थान सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में अग्रणी है
  9. मद्रास मेडिकल कॉलेज (MMC), चेन्नई – यह दक्षिण भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित चिकित्सा कॉलेजों में से एक है।
    इन कॉलेजों में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को नीट (NEET) परीक्षा में उच्च रैंक प्राप्त करनी होती है। उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और बेहतरीन सुविधाओं के कारण ये कॉलेज भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं।

Doctor की सैलरी | Doctor kaise bane

  • एक फ्रेशर MBBS डॉक्टर की शुरुआती सैलरी लगभग ₹25,000 से ₹60,000 प्रति माह तक हो सकती है।
  •  इंटर्नशिप के दौरान, डॉक्टरों को ₹15,000 से ₹25,000 प्रति माह का स्टाइपेंड मिलता है।
  • विशेषज्ञता के बाद, डॉक्टर की सैलरी ₹70,000 से ₹1,50,000 प्रति माह या उससे अधिक हो सकती है, यह उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र और कार्यस्थल पर निर्भर करता है।
  • सर्जनों की सैलरी ₹1,00,000 से ₹2,50,000 प्रति माह या उससे अधिक हो सकती है।
  • 5-10 साल का अनुभव: इस अवधि के दौरान, डॉक्टरों की सैलरी ₹1,00,000 से ₹3,00,000 प्रति माह तक हो सकती है।
  • 10+ साल का अनुभव: वरिष्ठ डॉक्टर और कंसल्टेंट्स की सैलरी ₹2,00,000 से ₹5,00,000 प्रति माह या उससे अधिक हो सकती है।
  •  सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सैलरी अन्य भत्तों और सुविधाओं के साथ होती है। प्रारंभिक स्तर पर, यह ₹60,000 से ₹1,20,000 प्रति माह हो सकती है।
  •  निजी अस्पतालों में सैलरी अधिक हो सकती है, जो ₹80,000 से ₹2,50,000 प्रति माह या उससे अधिक हो सकती है।
  • अपनी खुद की क्लिनिक या प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की सैलरी उनके क्लाइंट बेस और सेवाओं पर निर्भर करती है। सफल प्राइवेट प्रैक्टिस में सैलरी ₹1,00,000 से ₹5,00,000 या उससे अधिक हो सकती है।
  • महानगरों में सैलरी अधिक होती है जबकि छोटे शहरों या ग्रामीण क्षेत्रों में यह कम हो सकती है।
  • कुछ विशेष क्षेत्रों जैसे कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, ऑन्कोलॉजी आदि में सैलरी अन्य विशेषज्ञताओं से अधिक हो सकती है।
  • मेडिकल कॉलेजों या अनुसंधान संस्थानों में काम करने वाले डॉक्टरों की सैलरी अलग हो सकती है।

डॉक्टरों की सैलरी कई कारकों पर निर्भर करती है और इसमें भिन्नता होती है। सामान्यत: एक डॉक्टर की सैलरी ₹25,000 प्रति माह से शुरू होकर ₹5,00,000 प्रति माह या उससे अधिक हो सकती है, यह उनकी विशेषज्ञता, अनुभव, और कार्य स्थान पर निर्भर करता है।

Doctor बनने के लिए कितना पैसा लगता है ?

डॉक्टर बनने के लिए आवश्यक खर्च अलग-अलग हो सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के संस्थान (सरकारी या निजी) में दाखिला ले रहे हैं, और किस प्रकार की तैयारी और कोचिंग की आवश्यकता है। यहाँ कुछ प्रमुख खर्चों का विवरण दिया गया है
  •  NEET की तैयारी के लिए कोचिंग क्लासेस की फीस ₹50,000 से ₹2,00,000 प्रति वर्ष हो सकती है।
  • अध्ययन सामग्री और किताबों का खर्च ₹5,000 से ₹20,000 तक हो सकता है।
  • सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस काफी कम होती है। यह ₹20,000 से ₹1,00,000 प्रति वर्ष हो सकती है।
  •  निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस काफी अधिक हो सकती है। यह ₹3,00,000 से ₹25,00,000 प्रति वर्ष या उससे अधिक हो सकती है।
  •  AIIMS जैसी संस्थानों में फीस बहुत कम होती है, लगभग ₹1,000 से ₹5,000 प्रति वर्ष।
  • होस्टल की फीस और भोजन का खर्च ₹50,000 से ₹1,50,000 प्रति वर्ष हो सकता है।
  •  मेडिकल यूनिफॉर्म, लैब कोट, स्टेथोस्कोप आदि का खर्च ₹5,000 से ₹20,000 तक हो सकता है।
  •  मेडिकल की किताबों और स्टेशनरी का खर्च ₹10,000 से ₹50,000 प्रति वर्ष हो सकता है।
  • यात्रा, परीक्षा शुल्क, और अन्य व्यक्तिगत खर्चों के लिए भी कुछ धनराशि की आवश्यकता होती है।
  • सरकारी मेडिकल कॉलेज: ₹3,00,000 से ₹10,00,000 तक (पूरे कोर्स के लिए)
  • निजी मेडिकल कॉलेज: ₹20,00,000 से ₹1,00,00,000 तक या उससे अधिक (पूरे कोर्स के लिए)
  • AIIMS जैसी संस्थान: ₹10,000 से ₹30,000 तक (पूरे कोर्स के लिए)

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