संज्ञा एक ऐसा शब्द है जो किसी चीज़ का नाम देता है: या तो एक व्यक्ति, स्थान, चीज़, जानवर या विचार। एक वाक्य में, संज्ञाएं विषय, प्रत्यक्ष वस्तु, अप्रत्यक्ष वस्तु, विषय पूरक, वस्तु पूरक, अपोजिट, या विशेषण की भूमिका निभा सकती हैं। संज्ञा शब्दों का नामकरण कर रहे हैं। वे लोगों, स्थानों, जानवरों, चीजों, गुणों, सामग्रियों, समूहों, विचारों, भावनाओं आदि जैसी कई चीजों को नाम देते हैं। वास्तव में आपका नाम भी संज्ञा का एक उदाहरण है। संज्ञा किसी को या किसी चीज का नाम देती है।
जिस शब्द के द्वारा किसी व्यक्ति,वस्तु,स्थान,अथवा भाव के नाम का बोध हो उसे सन्ज्ञा कहते है।
- राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में स्थित है – स्थान
- मेरा बचपन गांव में बीता – भाव
- श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल – व्यक्ति
- व्याकरण विज्ञान हिन्दी की पुस्तक है – वस्तु
उदाहरण
- स्थान – दिल्ली ,जापान ,मॉरिशस आदी
- वस्तु – कुर्सी ,पुस्तक , पेन ,घड़ी आदी ।
- भाव – सुंदरता ,गायन , सत्य ,क्षमा आदी
- व्यक्ति – संगीता, रानी,राहुल,गीता ,हन्सिका आदि।
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संज्ञा के कितने प्रकार होते हैं
संज्ञा के तीन भेद होते है
1.व्यक्तिवाचक संज्ञा
2.जातिवाचक संज्ञा
3.भाववाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते है
जब किसी व्यक्ति ,वस्तु या स्थान के नाम के आगे विशेष लग जाता है तो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहा जाता है अथवा एक हि व्यक्ति या वस्तु का बोध कराने वाले नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है ।
- व्यक्ति )कबीरदास, शिवाजी ।
- ( वस्तु ) कुरान ,रामायण ,महाभारत ।
- (स्थान) भारत , अमेरिका ,दिल्ली।
यह शब्द विशेष व्यक्ति ,वस्तु स्थान की और संकेत कर रहे है।
उदा –
(1) मोहन और सीता बहन भाई है ।
(2) इण्डिया गेट दिल्ली में है ।
जातिवाच संज्ञा किसे कहते है
जो शब्द किसी प्राणी, वस्तु या स्थान की पूरी जाति का बोध कराती है। उसे जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है या जाति भर का बोध कराने वाले नाम को जातिवाचक संज्ञा कहते है ।
जैसे –
- (प्राणी) बच्चा ,जानवर
- (वस्तु) खिलौना, सब्जी
- (स्थान) नदी ,गली ।
यह शब्द एक हि प्रकार के प्राणी, वस्तु और स्थान का बोध करा रहे है ।
उदा –
(1) खेतों में गाये चर रही है।
( 2) आकाश में पक्षी उड़ रहे है।
- द्रव्यवाचक संज्ञा- यह किसी पदार्थ या द्रव्य का बोध कराने वाले शब्दो को द्रव्यवाचक संज्ञा कहा जाता है ।
जैसे – सोना ,चांदी,लोहा,लकडी, तांबा आदी ।
- समूहवाचक संज्ञा – बहुत से शब्द किसी एक व्यक्ति के वाचक ना होकर समुदाय के वाचक होते हैं ।इनसे उस समूह का ज्ञान होता है।
जैसे – पुलिस ,सेना ,कक्षा ,परिवार ,सभा आदि।
भाववाचक संज्ञा किसे कहते है
गुण, दोष, भाव, स्वभाव ,दशा आदि का बोध कराने वाले नाम को भाववाचक संज्ञा कहते हैं।अथवा, किसी भाव, गुण , अवस्था या क्रिया के व्यापार का बोध कराने वाले शब्द भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं।
जैसे –
थकान ,मिठास ,बुढ़ापा ,गरीबी ,आजादी ,हंसी ,चढ़ाई ,साहस ,वीरता आदि शब्द भाव, अवस्था ,क्रिया के व्यापार का बोध करा रही है इसलिए भाववाचक संज्ञाए हैं।
उदा –
(1) लगातार कई घंटो तक खेलने से मुझे थकान हो गई।
(1) करेले में कड़वापन होता है ।
भाववाचक संज्ञाओं की रचना
भावात्मक संज्ञाएँ निम्नलिखित स्तर पर बनती है –
1. जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना।
- चोर – चोरी देव – देवत्व
- पशु – पशुता बूढ़ा – बुढ़ापा
- मित्र – मित्रता ठग – ठगी
- जवान – जवानी घर – घरेलू
2 . सर्वनाम शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना ।
- अपना – अपनापन
- अहं – अहंकार
- पराया – परायापन
- आप – आपा
3. क्रिया( verb) से भाववाचक संज्ञा बनाना।
- मिलाना – मिलावट
- जितना – जीत
- कमाना – कमाई
- खोजणा – खोज
4 . विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना ।
गहरा – गहराई
गर्म – गर्मी
गरीब – गरीबी
लाल – लालिमा
5. अव्यय से भाववाचक संज्ञा बनाना।
(जिन शब्दों का रूप ,लिंग ,वचन ,कारक और काल के कारण नहीं बदलता उन्हें अविकारी या अवयव कहा जाता है। )
निकट – निकटता
खूब – खूबी
समीप – समीपता
दूर – दूरी
6. धातु से भाव वाचक संज्ञा शब्द बनाना ।
बोल – बोली
चुन – चुनाव
ठग – ठगी
चल – चाल
7. प्रत्यय लगाकर भाववाचक संज्ञा बनाना।
- पन – बचपन, लड़कपन ,बड़प्पन
- आन – उड़ान ,थकान ,मिलान ,चालान
- ई – बुद्धिमानी, चोरी ,गृहस्ती ,गर्मी
- ता – नवीनता, सुंदरता ,मधुरता
- त्व – मह्त्व , लघुत्व , व्यक्तित्व