upsc ki taiyari kaise kare – जानिये 12th के बाद यूपीएससी की तैयारी कैसे करें

upsc ki taiyari kaise kare : घर बैठे UPSC की तैयारी कैसे करें जीरो लेवल से जिससे आप आईएएस ऑफिसर बन सके। UPSC एक ऐसा नाम है जिसको सुनकर या सुनने वालों के कान खड़े हो जाते है। UPSC एक ऐसा एग्जाम है जिसको पास करना हर किसी का सपना होता है। 

सभी जानते है  की UPSC एक ऐसी परीक्षा है जिसे पाना हर किसी का सपना होता है।हमारे भारत देश की यह UPSC परीक्षा एक मनमोहक परीक्षा बन चुकी है जिसे पाने के लिए लोग दिन -रात एक करते  है।

जानते है क्यों,क्योकिं यह परीक्षा आम परीक्षाओं के जैसी नहीं है की थोड़ा बहुत पड़ लिया तो हो जायेगा न इसमें आपकी पढ़ाई के साथ, मेहनत , patience ,perseverance ,dedication ये तीनो चीजें जिसके अन्दर सबसे स्ट्रांग होगा वही कल का IAS , IPS ऑफ़िसर कह लाएगा।

लेकिन UPSC  की तैयारी करने से पहले आपको  इसके सिलेबस ,पेटर्न की सटीक जानकारी होना जरुरी है। दरअसल UPSC का सीलबस इतना विशाल होता है की बिना जानकारी इसकी  तैयारी करना आपके लिए बहुत ही मुश्किल साबित होता है।

जिससे आप भटक भी सकते है। इसलिए इन्ही सभी कंफ्यूशन को दूर करने के लिए आपको UPSC की तैयारी कैसे करे? (How to prepare for UPSC) पोस्ट के माध्यम से सरल word में आपको समूर्ण जानकारी प्रोवाइड करने करने वाले है।

upsc ki taiyari kaise kare 

UPSC
UPSC

UPSC की तैयारी करने से पहले आपको इस एग्जाम के बारे में नॉलेज जरूर होनी चाहिए तभी आप इस एग्जाम को समझ सकते है। UPSC यानि Union Public Service Commission जिसे सिविल सेवा परीक्षा के नाम से जाना जाता है यह भारत की एक प्रतियोगी परीक्षा है जिसके परिणाम के आधार पर UPSC एवं भारत सरकार केंद्रीय व राज्य प्रशासन के लिए  IAS अधिकारी ,IPS पुलिस अधिकारी और सिविल सेवाओं के अधिकारी चुने जाते हैं।

UPSC हर साल सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करती है। इसमें तीन चरण के माध्यम से एग्जाम qualify करना होता है। UPSC की सिविल सर्विस परीक्षा का सम्पूर्ण चक्र 1 से 1.5 वर्ष का होता है।

ध्यान रहे डेट परीक्षा की तिथियां बदल सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए चेक करे https://www.upsc.gov.in/

UPSC सिलेबस को समझिये 

अब बात आती है सिलेबस के बारे तो आपको सिलेबस के बारे में जरूर पता होना चाहिए तभी आप इस एग्जाम को समझ सकते है और अपना टारगेट बना सकते है ,इसलिए बिना देर किये हुए इसका सिलेबस आपके स्टडी टेबल पर होना ही चाहिए। जैसे ही आप तैयारी के बारे में विचार करते है तभी आपके हाथ में सिलेबस जरूर रहना चाहिए।

अब UPSC को क्लियर करने के लिए आपको तीन चरणों से होकर गुजरना होता है।

  1. प्रारंभिक परीक्षा (preliminary exam)
  2. मुख्य परीक्षा (Mains exam)
  3. साक्षात्कार ( Interview )

प्रारंभिक परीक्षा सिलेबस 

पेपर कुल प्रश्न  कुल मार्क्स टोटल समय  नेगेटिव मार्किंग
पेपर I: सामान्य अध्ययन (वस्तुनिष्ठ प्रकार)1002002 घंटे गलत उत्तर के लिए ⅓ काट लिया जाएगा
पेपर II: सामान्य अध्ययन (वस्तुनिष्ठ प्रकार)802002 घंटेक्वालिफाइंग नेचर– CSAT को क्वालिफाई करने के लिए उम्मीदवारों को 33% स्कोर करना होगा।

 

Civil Services Preliminary Exam में 200 अंकों के दो Mandatory पेपर शामिल होते हैं (सामान्य अध्ययन पेपर I और सामान्य अध्ययन पेपर- II)। प्रश्न  objective यानि वस्तुनिष्ठ प्रकार के होते है। प्रीलिम्स के अंकों को अंतिम रैंकिंग के लिए नहीं, बल्कि मुख्य परीक्षा के लिए योग्यता के लिए गिना जाता है ।

सामान्य अध्ययन पेपर I

यह वस्तुनिष्ठ पेपर दो घंटे की अवधि का होता है। 100 प्रश्न होंगे। प्रारंभिक परीक्षा के टॉपर्स तय करने के लिए केवल इस पेपर के अंकों की गिनती की जाती है। जीएस पेपर 1 का सिलेबस नीचे दिया गया है।

  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं (Current events of national and international importance)
  • भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन (History of India and Indian National Movement.)
  • भारतीय और विश्व भूगोल – भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल (Indian and World Geography – Physical, Social, Economic Geography of India and the World)
  • भारतीय राजनीति और शासन – संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे, आदि (Indian Polity and Governance – Constitution, Political System, Panchayati Raj, Public Policy, Rights Issues, etc.)
  • आर्थिक और सामाजिक विकास सतत विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल, आदि (Economic and Social Development Sustainable Development, Poverty, Inclusion, Demographics, Social Sector initiatives, etc.)
  • पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे (General issues on Environmental Ecology, Bio-diversity and Climate Change)
  • सामान्य विज्ञान (General Science)

सामान्य अध्ययन पेपर- II (CSAT)

यह वस्तुनिष्ठ पेपर दो घंटे की अवधि का होता है। 80 प्रश्न होंगे। इस पेपर के अंक प्रारंभिक परीक्षा के टॉपर्स तय करने के लिए गिने जाते हैं। यह पेपर केवल क्वालिफाइंग नेचर का होता है। उम्मीदवारों को केवल यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वे इस पेपर में कम से कम 33% अंक प्राप्त करें। जीएस पेपर 2 (सीएसएटी) का पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है

  • बोधगम्यता (Comprehension)
  • संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल (Interpersonal skills including communication skills)
  • तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता (Logical reasoning and analytical ability)
  • निर्णय लेना और समस्या का समाधान करना (Decision-making and problem-solving)
  • सामान्य मानसिक क्षमता (General mental ability)
  • मूल संख्यात्मकता (संख्याएं और उनके संबंध, परिमाण के क्रम, आदि) (कक्षा X स्तर), डेटा व्याख्या (चार्ट, ग्राफ़, टेबल, डेटा पर्याप्तता आदि। – कक्षा X स्तर) (Basic numeracy (numbers and their relations, orders of magnitude, etc.) (Class X level), Data interpretation (charts, graphs, tables, data sufficiency etc. – Class X level).

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मुख्य परीक्षा सिलेबस

पेपर विषय मार्क्स 
पेपर -Iनिबंध250
पेपर -IIसामान्य अध्ययन – I (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व और समाज का इतिहास और भूगोल)250
पेपर -IIIसामान्य अध्ययन – II (शासन, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध)250
पेपर -IVसामान्य अध्ययन – III (प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन)250
पेपर -Vसामान्य अध्ययन – IV (नैतिकता, सत्यनिष्ठा और योग्यता)250
पेपर -VIवैकल्पिक विषय – पेपर I250
पेपर -VIIवैकल्पिक विषय – पेपर II250

मुख्य परीक्षा में टोटल 1750 अंक का पेपर होता है। 7 पेपरो में इनके अंक बटे रहते है इन सभी अंको को जोड़ कर ही यह निर्धारित किया जाता है की किस की रैंक कितनी होगी। इसमें टोटल 9 प्रश्नपत्र पूछे जाते है जिनमे से 2 क्वालीफाइंग पेपर होते है

हिंदी और अंग्रेजी पेपर  बाकि 7 पेपर के अंक फाइनल मेरिट लिस्ट में जुड़ते है। यह एग्जाम लिखित होती है। जिसमे आपको प्र्शन के उत्तर लिखित रूप में आंसर शीट पर लिखना होता है।
यह पेपर प्रारभिक से काफी बड़ा एग्जाम होता है पूरा साल लग  जाता है। इसका विस्तार से सिलेबस निचे दिया गया है।

पेपर -I: निबंध (Essay)

इन 9 पपेरों में से एक पेपर निबंध का रहता है जिसमे आपसे पेपर में दो निबंध पूछे जाते है। आपके पास चार विषय दिए जाते है जिसमे से एक -एक विषय चुनकर आपको उसी विषय को रख कर 1000 – 1200  के बीच टीपड़ी सारांश देना होता है। निबंध का पेपर कुल 250 अंकों का होता है।

पेपर-2: (सामान्य अध्ययन I)

इस पेपर में भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व और समाज का इतिहास और भूगोल से relative प्रश्न ही पूछे जाते है इसका पूरा syllabus नीचे दिया है।

  • भारतीय संस्कृति प्राचीन से आधुनिक काल तक कला रूपों, साहित्य और वास्तुकला के प्रमुख पहलुओं को कवर करेगी
  • आधुनिक भारतीय इतिहास अठारहवीं शताब्दी के मध्य से लेकर वर्तमान तक- महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, मुद्दे।
  • स्वतंत्रता संग्राम – इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न हिस्सों से महत्वपूर्ण योगदानकर्ता / योगदान।
  • स्वतंत्रता के बाद देश के भीतर समेकन और पुनर्गठन।
  • दुनिया के इतिहास में 18वीं सदी की घटनाएं शामिल होंगी जैसे औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध,
  • राष्ट्रीय सीमाओं का पुनर्निर्धारण, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद, साम्यवाद जैसे राजनीतिक दर्शन,
  • पूंजीवाद, समाजवाद आदि- उनके रूप और समाज पर प्रभाव
  • भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं, भारत की विविधता
  • महिलाओं और महिलाओं के संगठन की भूमिका, जनसंख्या और संबंधित मुद्दे, गरीबी और विकास के मुद्दे, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके समाधान
  • भारतीय समाज पर वैश्वीकरण के प्रभाव
  • सामाजिक सशक्तिकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।
  • विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएं।
  • दुनिया भर में प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप सहित);
  • प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों की अवस्थिति के लिए उत्तरदायी कारक
  • दुनिया के विभिन्न हिस्सों (भारत सहित)
  • महत्वपूर्ण भूभौतिकीय घटनाएं जैसे भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी गतिविधि, चक्रवात आदि।
  • भौगोलिक विशेषताएं और उनका स्थान- महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल निकायों और बर्फ-टोपी सहित) और वनस्पतियों और जीवों में परिवर्तन और ऐसे परिवर्तनों के प्रभाव।

पेपर-3: (सामान्य अध्ययन II)

पेपर 3 मैं शासन, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध। विस्तार से नीचे देखे।

  • भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना
  • संघ और राज्यों के कार्य और जिम्मेदारियाँ, संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर तक शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसमें चुनौतियाँ।
  • विभिन्न अंगों के बीच शक्तियों का पृथक्करण; विवाद निवारण तंत्र और संस्थान।
  • अन्य देशों के साथ भारतीय संवैधानिक योजना की तुलना
  • संसद और राज्य विधानमंडल – संरचना, कामकाज, व्यवसाय का संचालन, शक्तियां और विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
  • सरकार के कार्यकारी और न्यायपालिका मंत्रालयों और विभागों की संरचना, संगठन और कामकाज; दबाव समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ और राजनीति में उनकी भूमिका
  • जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
  • विभिन्न संवैधानिक निकायों के विभिन्न संवैधानिक पदों, शक्तियों, कार्यों और जिम्मेदारियों की नियुक्ति।
  • वैधानिक, नियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
  • विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप और उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे
  • विकास प्रक्रियाएं और विकास उद्योग- गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दाताओं, दान, संस्थागत और अन्य हितधारकों की भूमिका।
  • केंद्र और राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का प्रदर्शन; इन कमजोर वर्गों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थान और निकाय।
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
  • गरीबी और भूख से संबंधित मुद्दे।
  • शासन के महत्वपूर्ण पहलू, पारदर्शिता और जवाबदेही, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और क्षमता; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता और जवाबदेही और संस्थागत और अन्य उपाय।
  • लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
  • भारत और उसके पड़ोस – संबंध।
  • द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
  • भारत के हितों, भारतीय डायस्पोरा पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।
  • महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां ​​और मंच- उनकी संरचना, जनादेश।

पेपर-4: (सामान्य अध्ययन 3) 

UPSC सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए सामान्य अध्ययन 3 पेपर  प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन। नीचे दिया गया है

  • भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधन जुटाने, विकास, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।
  • समावेशी विकास और इससे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
  • सरकारी बजट।
  • देश के विभिन्न भागों में प्रमुख फसलों के फसल पैटर्न, विभिन्न प्रकार की सिंचाई और सिंचाई प्रणाली कृषि उत्पादों के भंडारण, परिवहन और विपणन और मुद्दों और संबंधित बाधाओं; किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी।
  • प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित मुद्दे; सार्वजनिक वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्यप्रणाली, सीमाएं, सुधार; बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा के मुद्दे; प्रौद्योगिकी मिशन; पशुपालन का अर्थशास्त्र।
  • भारत में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र और महत्व, स्थान, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
  • भारत में भूमि सुधार।
  • अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन और औद्योगिक विकास पर उनके प्रभाव।
  • बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे आदि
  • निवेश मॉडल।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी- दैनिक जीवन में विकास और उनके अनुप्रयोग और प्रभाव।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई तकनीक विकसित करना।
  • आईटी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी, जैव प्रौद्योगिकी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दों के क्षेत्र में जागरूकता।
  • संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।
  • आपदा और आपदा प्रबंधन।
  • विकास और उग्रवाद के प्रसार के बीच संबंध।
  • आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां पैदा करने में बाहरी राज्य और गैर-राज्य अभिनेताओं की भूमिका।
  • संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सोशल नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की मूल बातें; मनी लॉन्ड्रिंग और इसकी रोकथाम।
  • सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां और उनका प्रबंधन; संगठित अपराध का आतंकवाद से संबंध।
  • विभिन्न सुरक्षा बल और एजेंसियां ​​और उनका जनादेश।

पेपर-5: (सामान्य अध्ययन 4) 

सामान्य अध्ययन 4 पेपर में नैतिकता, सत्यनिष्ठा और योग्यता। से संबधित प्रश्न पूछ जाते हैं details नीचे बताया गया है।

  • नैतिकता और मानव इंटरफेस: मानव कार्यों में नैतिकता के सार, निर्धारक और परिणाम; नैतिकता के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नैतिकता। मानवीय मूल्य – महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और शिक्षाओं से सबक; मूल्यों को विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका।
  • वैया: सामग्री, संरचना, कार्य; विचार और व्यवहार के साथ इसका प्रभाव और संबंध; नैतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण; सामाजिक प्रभाव और अनुनय।
  • सिविल सेवा के लिए योग्यता और आधारभूत मूल्य, अखंडता, निष्पक्षता और गैर-पक्षपात, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता और करुणा।
  • भावनात्मक खुफिया-अवधारणाएं, और प्रशासन और शासन में उनकी उपयोगिता और अनुप्रयोग।भारत और दुनिया के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों का योगदान।
  • लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य और नैतिकता: स्थिति और समस्याएं; सरकारी और निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं और दुविधाएं; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में कानून, नियम, विनियम और विवेक; जवाबदेही और नैतिक शासन; शासन में नैतिक और नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वित्त पोषण में नैतिक मुद्दे; निगम से संबंधित शासन प्रणाली।
  • शासन में सत्यनिष्ठा: लोक सेवा की अवधारणा; शासन और ईमानदारी का दार्शनिक आधार; सरकार में सूचना साझा करना और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, आचार संहिता, आचार संहिता, नागरिक चार्टर, कार्य संस्कृति, सेवा वितरण की गुणवत्ता, सार्वजनिक धन का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां
  • उपरोक्त मुद्दों पर केस स्टडी

पेपर‐6: (वैकल्पिक विषय पेपर 1)

  1. कृषि विज्ञान
  2. पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान
  3. नृविज्ञान
  4. वनस्पति विज्ञान
  5. रसायन विज्ञान
  6. सिविल इंजीनिरी
  7. वाणिज्य शास्त्र तथा लेखा विधि
  8. अर्थशास्त्र
  9. विद्युत इंजीनिरी
  10. भूगोल
  11. भूविज्ञान
  12. इतिहास
  13. विधि
  14. प्रबंधन
  15. गणित
  16. मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  17. चिकित्सा विज्ञान
  18. दर्शन शास्त्र
  19. भौतिकी
  20. राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध
  21. मनोविज्ञान
  22. लोक प्रशासन
  23. समाज शास्त्र
  24. सांख्यिकी
  25. प्राणि विज्ञान

पेपर‐7: (वैकल्पिक विषय पेपर 2)

निम्नलिखित भाषाओं में से किसी एक का साहित्य

असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू और अंग्रेजी।

साक्षात्कार

इंटरव्यू के लिए आपको मॉक टेस्ट देने चाहिए क्योकि इसको क्लियर करने के लिए कोई सिलेबस या बुक्स अवलेबल नहीं है ,आप कुछ टिप्स टॉपर्स से ले सकते है।

UPSC के लिए योग्यता क्या है ?

UPSC graduation में अंकों के आधार पर candidate के साथ कोई भेदभाव नहीं करता है। इसलिए, आईएएस पात्रता शर्त के रूप में कोई न्यूनतम योग्यता  प्रतिशत नहीं मांगता है। शैक्षिक योग्यता से संबंधित UPSC परीक्षा के लिए UPSC पात्रता शर्तें नीचे दी गई हैं:

  • उम्मीदवार के पास सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
  • Graduation के अंतिम साल में या परिणाम की प्रतीक्षा में, उम्मीदवार UPSC प्रारंभिक परीक्षा में बैठने के लिए भी पात्र हैं।
  • upsc परीक्षा में शामिल होने के लिए आपकी उम्र 21 से 32 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

UPSC की तैयारी के लिए बुक  कोनसी है 

मैं 10 या अधिक जैसी पुस्तकों की संख्या में नहीं जा रहीं हूं, इसलिए केवल कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों और पढ़ने के लिए स्रोतों का विवरण दे रही हूं।
अधिक किताबों को जाने के लिए यह देखे आईएएस बुक लिस्ट इन हिंदी मीडियम छात्र

  • भूगोल के लिए एनसीईआरटी और एटलस ही काफी हैं। आप मृणाल वीडियो की भी मदद ले सकते हैं।
  • राजनीति के लिए, केवल लक्ष्मीकांत ही काफी है। किसी अन्य स्रोत के लिए मत जाओ और वर्तमान मामलों से सभी राजनीति और प्रशासन से संबंधित मुद्दों को तैयार करें।
  • अर्थशास्त्र के लिए पहले एनसीईआरटी पढ़ें और फिर सभी मृणाल वीडियो देखें और अर्थशास्त्र के करेंट अफेयर्स तैयार करें।
  • इतिहास के लिए NCERT अच्छा है और अन्य जानकारी के लिए आप GS के लिए मणिकांत सर हिस्ट्री नोट्स की मदद ले सकते हैं। विपिन चंद्र और गुहा की भारी किताबों में अपना समय बर्बाद मत करो।
  • भारतीय संस्कृति के लिए, नितिन सिंघानिया के नोट काफी अच्छे हैं लेकिन प्राचीन इतिहास और संस्कृति से संबंधित एनसीईआरटी को भी इस भाग के लिए पढ़ना चाहिए।
  • केवल करेंट अफेयर्स द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आसानी से कवर किया जा सकता है। इसलिए हाल की वैज्ञानिक प्रगति और शोधों को नोट करें जो भारत और दुनिया के लिए हैं।
  • पर्यावरण खंड में 11वीं जीव विज्ञान एनसीईआरटी के अलावा हिंदी माध्यम में कोई अच्छी किताब नहीं है, यहां तक ​​कि मैंने इसके लिए शंकर आईएएस नोट्स का भी अध्ययन किया। लेकिन मुझे लगता है कि दृष्टि आईएएस ने इससे संबंधित एक अच्छी किताब प्रकाशित की है।

यह विस्तृत पुस्तक सूची नहीं है और बहुत कुछ जोड़ा जा सकता है लेकिन मेरा सुझाव है कि आप अपनी पुस्तक सूची और स्रोतों को जितना हो सके उतना छोटा रखें और उन्हें कई बार पड़ने का प्रयास करें, लेकिन इतनी पुस्तकों का अध्ययन जरूर करें।

हमने पुस्तक सूचि के बारे में भी जान लिया है अब आपको इसके जितने भी 6 साल के पुराने पेपर है आपको अब उनको देखना है यानि समझना है ,की कैसे upsc question बनाती है और कैसे पूछती है। ये आप google पर चेक कर सकते है या फिर यूट्यूब पर। आप बुक भी ले सकते है। 

upsc ki taiyari kaise kare 

  • चरण 1: परीक्षा को अच्छी तरह से जानें
  • चरण 2: अपनी नींव को मजबूत करें
  • चरण 3: अपना ज्ञान अपग्रेड करें
  • चरण 4: उत्तर-लेखन का अभ्यास करें
  • चरण 5: मॉक-टेस्ट आधारित लर्निंग/मार्च टुवर्ड्स प्रीलिम्स
  • चरण 6:  समाचार पत्र पढ़ना

चरण 1: परीक्षा को अच्छी तरह से जानें

किसी भी परीक्षा की तैयारी करने से पहले, परीक्षा की बारीकियों को अच्छी तरह से जान लेना जरूरी है। परीक्षा पाठ्यक्रम, परीक्षा पैटर्न, परीक्षा समय रेखा और पात्रता मानदंड से खुद को परिचित करने के लिए UPSC परीक्षा की अधिसूचना को ध्यान से पढ़ें।

एक बार जब आप इसके बारे में सब समझने लगते है तब आपको खुद यह समझ में आने लगता है की मुझे क्या पड़ना चाहिए क्या नहीं।

इसलिए इसके पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों को उठाएं और परीक्षा में वास्तव में क्या पूछा जाता है, यह समझने के लिए उनके माध्यम से स्किम करें। इस समय आपको अखबार पढ़ना भी शुरू कर देना चाहिए।

चरण 2: अपनी नींव को मजबूत करें

कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी पृष्ठभूमि क्या है, बस आपको UPSC पाठ्यक्रम के मुख्य विषयों की मूल बातें समझने की जरूरत होती है इसलिए, सबसे से पहले आपको अपनी तैयारी की नींव को मजबूत करने के लिए एनसीईआरटी देखनी होगी इन्हे आप मुफ्त में  एनसीईआरटी की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करके पड़ सकते है।

चरण 3: अपना ज्ञान अपग्रेड करें

एक बार जब आप सभी एनसीईआरटी को पढ़ कर समाप्त कर देते हैं, तब आपको standard books को पढ़कर अपने Knowledge बढ़ाना पड़ता है। इसके लिए मेने already आपको बुक्स बता ही  हूँ।  पुस्तकों को कम से कम दो बार पढ़ें और फिर बाद में उत्तर-लेखन अभ्यास के लिए अपने handwritten नोट्स बनाएं!

चरण 4: उत्तर लेखन का अभ्यास करें

उत्तर-लेखन अभ्यास और revision UPSC की तैयारी की पूरी योजना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर UPSC मुख्य परीक्षा के लिए। एक बार जब आप एनसीईआरटी के साथ-साथ standard books से एक विषय पूरा कर लेते हैं, तो आप उत्तर-लेखन का अभ्यास शुरू कर सकते हैं।

इससे पहले, यह एक निरर्थक अभ्यास होगा क्योंकि आपको उत्तर की सामग्री के लिए बुक्स पर निर्भर रहना होगा। इस लेवल पर आपको लगातार revision करते रहना होगा। हफ्ते के दौरान आपने जो कुछ भी नया सीखा है, उसके एक dedicated revision करते रहे।

चरण 5: मॉक-टेस्ट  

प्रीलिम्स परीक्षा से दो महीने पहले, आपको मॉक टेस्ट-आधारित लर्निंग अप्रोच को शामिल करना चाहिए। यह आपको एक परीक्षा का एहसास देगा उसी समय Real परीक्षा जैसे मॉक टेस्ट के लिए बैठें और फिर अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करें।

इससे आप आपने आपको परख सकते है। कहाँ गलती हो रही है कहाँ नहीं। यह न केवल आपको वास्तविक परीक्षा के दौरान चिंता management में मदद करेगा बल्कि आपको परीक्षा के लिए बहुत अच्छी तरह से तैयार करेगा।

चरण 6:  समाचार पत्र पढ़ना 

समाचार पत्र IAS परीक्षा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू  होता हैं। यदि आप दैनिक समाचार पत्र नहीं पढ़ते हैं या आईएएस परीक्षा के लिए दैनिक समाचारों का अनुसरण नहीं करते हैं, तो आप इस परीक्षा को पास करने की आशा नहीं कर सकते।

सिविल सेवा परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करेंट अफेयर्स से जुड़े होते हैं। इसलिए, अपने दैनिक समाचार पत्र में प्रासंगिक समाचारों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है।

यूपीएससी की तैयारी की शुरुआत कैसे करें?

इंसान जब ठान लेता है कुछ करने की तो चाहे वह घर हो या बाहर वो अपनी मंज़िल जरूर पा लेता है। आप घर बैठे UPSC की तैयारी करना चाहते है तो बहुत अच्छी बात है आप जरूर कर सकते है क्योकिं इससे आप का टाइम  वेस्ट नहीं होता।  बस आपको अपनी खुद की एक रणनीति बनानी होगी जिस पर आपको उस पर अटल होना पड़ेगा। अपना खुदका टाइम टेबल बना पड़ेगा।

और आजकल तो यूट्यूब इंटरनेट पर हर चीज़ AWAILABLE है आप आराम से अपनी PRAPRATION कर सकते है। बस थोड़ी धैर्य, दृढ़ता, समर्पण की जरूत होती है। अगर आप ये तीन  चीजे समझ जाते है और आप में है तो आप यह कर सकते है।  चाहे आप कोचिंग के बिना करे या घर बैठे करे।

  •  सबसे पहले upsc के बारे में जाने आखिर ये एग्जाम होता क्या है।
  • इसके पुराने पेपर को समझे कैसे पूछे जाते है।
  •  upsc में जिन लोगों ने टॉप  किया है उनकी वीडियों देखे और जाने आखिर उनकी की रणनीति क्या थी और उन्होंने अपनी prapration कैसे की।
  • upsc सिलेबस को बारीकी से समझे।
  • घर बैठे आप तैयारी करना चाहते है तो अपना एक शडूयल बना ले और उस पर अटल रहे है।
  • कम से कम किताबों का चयन करे और चयन की गयी किताबों को बार बार revision करे।
  • समय का पूरा ध्यान रखे क्योकिं इसका सिलेबस काफी बड़ा होता है।
  • सब्जेक्ट को आप डिवाइड करके पड़े।
  • अपना ऑप्शनल पेपर को अपने पसंदीदा के अनुसार चुन सकते है जिसमे आप अच्छा स्कोर पा सके।
  • इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है की आप पड़ी हुयी किताबों बार बार revision  करे शार्ट नोट्स बनाले जिससे आप कन्फर्टेबले हो चीजों को समझने के लिए।
  • बाकि आप और कोई guidence लेना चाहते है तो आजकल फोन ,इंटरनेट हर किसी के पास होता है।  सीधा google कीजिये या youtube  आपको ज़बाब जरूर मिलेगा।

12वीं के बाद UPSC की तैयारी कैसे करें 

  • सबसे पहले यूपीएससी सीएसई पाठ्यक्रम को किसी भी स्रोत से डाउनलोड करें या व्यवस्थित करें और इसे ध्यान से पढ़ें फिर तैयारी के लिए आवश्यक पुस्तकों और संसाधनों के लिए जाएं।
  • अगर आप 10वीं और 12वी कक्षा से ही यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं तो सबसे पहले कक्षा 6-12 कक्षा से भूगोल, इतिहास, राजनीति के लिए सभी एनसीईआरटी पढ़कर अपनी तैयारी शुरू करें।
  • अर्थशास्त्र की तैयारी के लिए 6-10 से एनसीईआरटी के 12वें एनसीईआरटी के मैक्रोइकॉनॉमिक्स भाग को पढ़ें, सूक्ष्मअर्थशास्त्र को न पढ़ें।
  • पर्यावरण के लिए 12वीं कक्षा जीव विज्ञान अध्याय 13 से 17 तक पढ़ें।
  • इन सभी को पूरा करने के बाद आप एम लक्ष्मीकांत, राजीव अहीर आधुनिक इतिहास, रमेश सिंह भारतीय अर्थव्यवस्था आदि जैसी मानक पुस्तकों के लिए जा सकते हैं।

बिना कोचिंग के UPSC की तैयारी कैसे करें 

यदि आप बिना कोचिंग के UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, तो यह लेख आपको अपनी तैयारी शुरू करने में मदद करेगा।अपनी तैयारी शुरू करने के लिए सबसे पहले यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं-

  • एक उचित समय सारिणी बनाएं ताकि आप समय पर पाठ्यक्रम को पूरा करने का management कर सकें।
  • द हिंदू अखबार पढ़ना शुरू करें। यह वास्तव में आपकी मदद करेगा।
  • इस परीक्षा के पाठ्यक्रम और पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र लें और उनका विश्लेषण करें। पता करें कि परीक्षा की प्रकृति क्या है, यूपीएससी किस तरह के प्रश्न पूछता है और कठोरता का स्तर क्या है।
  • एनसीईआरटी की किताबों से तैयारी शुरू करें।

UPSC की तैयारी करने के लिए बुक्स सैम है सिलेबस सैम है पैटर्न सैम है बस बात आती है रणनीति की जिसे यह आपको खुद बनानी होगी और इस पर लगातार ध्यान केंद्रित होना पड़ेगा।

10वीं के बाद आईएएस की तैयारी कैसे करें

  • 10th के बाद अगर आप Upsc की तैयारी करना चाहते है तब आपको 6 क्लास की NCERT से शुरुआत करनी चाहिये इसी बीच आप एग्जाम को समझने का प्रयास करते रहे इसके पुरे पेपर पर अपनी पकड़ बनाय और सिलेबस को याद करले ताकि आपकी पढ़ाई 12th तक हो जाए।
  • इसके बाद आपको पुराने पेपर को लेकर उनको साल्व्ड करना है weekly आप एक पेपर लीजिये और उन पर अपने आंसर लिखना शुरू कीजिये और फिर वह आंसर आप अपने टीचर या गूगल पर चेक कर लीजिये ऐसा करने से आपकी तैयारी ग्रेजुएशन लेवल तक कम्पलीट हो जाएगी। इसके बाद आप UPSC का एग्जाम दे सकते है और क्लियर कर सकते है। 

घर पर जीरो लेवल से यूपीएससी की तैयारी कैसे शुरू करें?

यूपीएससी की तैयारी घर पर शुरू करने के लिए आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:

  1. सिलेबस की समझ: पहले यूपीएससी की पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझें। सिलेबस में कौन-कौन से विषय शामिल हैं और उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं, इसे जानना महत्वपूर्ण है।

  2. अध्ययन समाग्री का चयन: सही पुस्तकें और अध्ययन सामग्री का चयन करें। आप ऑनलाइन पोर्टल्स, टेक्स्टबुक्स, नोट्स, टेस्ट सीरीज, और वीडियो ट्यूटोरियल्स का भी उपयोग कर सकते हैं।

  3. नियमित अध्ययन तिथि: एक नियमित अध्ययन तिथि तय करें और इसे बिना विचलित होते हुए अपने अध्ययन कार्यक्रम में शामिल करें।

  4. प्रैक्टिस टेस्ट: रोजाना अभ्यास करें। यह आपको परीक्षा पैटर्न, टाइम मैनेजमेंट, और प्रश्न के प्रकार को समझने में मदद करेगा। नियमित प्रैक्टिस करने के बाद अपने प्रगति का समीक्षण करें। कौन से क्षेत्रों में आपकी कमी है, इसे पहचानें और उन्हें सुधारें।

  5. अन्य संसाधनों का उपयोग: टेक्नोलॉजी का उपयोग करें, जैसे कि ऑनलाइन वेबसाइट्स, मोबाइल एप्लीकेशन्स, और ऑडियो/वीडियो ट्यूटोरियल्स के माध्यम से भी तैयारी को बढ़ावा दें।

  6. स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति का ध्यान रखें: ध्यान दें कि आपकी स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति सही हो। नियमित व्यायाम और मानसिक स्थिति को बनाए रखने के लिए मेडिटेशन या डेस्ट्रेस संबंधित गतिविधियों का अभ्यास करें। इन चरणों का पालन करके आप घर पर जीरो लेवल से यूपीएससी की तैयारी शुरू कर सकते हैं। 

 निष्कर्ष 

उम्मीद है की आपको बताई गयी जानकारी मत्वपूर्ण साबित  हुयी होगी ऐसे ही जानकारी पोस्ट पड़ने के लिए आप हमसे जुड़ते रहे।अपनी Upsc की तैयारी के साथ इसे अकेले करने के लिए बहुत साहस चाहिए होता है ।

हालांकि, अगर आप अपनी पढ़ाई में continuity रखते हैं और effective ढंग से तैयारी करते हैं, तो आप of course सफल होंगे। अध्ययन सामग्री में बहुत अधिक विविधता आपकी पूरी तैयारी को खराब कर देगी और तैयारी के अंतिम चरण के दौरान चिंता और तनाव लाएगी, इसलिए अपने resources का चयन चतुराई से करें!

FAQs

UPSC तैयारी की शुरुआत कैसे करें?

1.सिलेबस से खुद को परिचित करें।
2 .एक आयोजन बनाय
3 .एक व्यवस्थित शेड्यूल/टाइमटेबल बनाएं।
4 .वैकल्पिक विषय का चयन करे
5 .करेंट अफेयर्स के लिए मासिक पत्रिकाएँ पढ़ें।
6 .आईएएस के लिए समाचार पत्र पढ़ना/समसामयिक मामले जुड़े रहे।
7 .एनसीईआरटी पुस्तकें।
 

UPSC के लिए कौन सा विषय चाहिए?

upsc के लिए कोई भी खास विषय नहीं होता है। अगर आपने किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन किया है तो आप उसको optional लेके चल सकते है।
 

12वीं के बाद IAS बनने में कितने साल लगते हैं?

अगर अभी आप 12th पास कर चुके है या कर रहे है। तो इसमें आपको कम से कम 2 से 3 साल जरुर लग सकते है।
 

UPSC में टोटल कितने पेपर होते हैं?

UPSC CSE Main Exam परीक्षा में कुल 9 पेपर होते हैं.
 

क्या मैं सेल्फ स्टडी से UPSC क्रैक कर सकता हूं?

हां, अगर आप सेल्फ स्टडी के साथ भी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में 1 साल देते हैं, तो आप परीक्षा में सफल हो सकते हैं। इसके लिए आपको अपना पूरा प्रयास करना होगा।
 
 UPSC की तैयारी में कितना खर्च आता है?
औसतन, एक छोटा कोचिंग संस्थान भी प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा की तैयारी के लिए लगभग 50K से 1.5K का शुल्क लेता है। वैकल्पिक विषय के लिए शुल्क अलग है जो लगभग 30K से 45K के बीच है।

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