क्या आप जानते है हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए हमारे शरीर में और यह क्यों जरुरी है ,हीमोग्लोविन क्या है यह कैसे बढ़ाया जा सकता है , अगर आप जानना चाहते है हीमोग्लोविन के बारे में तो यह पोस्ट जरूर पड़े।
कभी आपने देखा होगा आँखों में पिलापन , नाखून का सफ़ेद होना ,शरीर की त्वचा का पीला होना या शरीर में weakness आना ,थकावट महसूस करना आदि लक्षण हीमोग्लोबिन के कमी के कारण होते है।

महिलाओ में यह समस्या ज़्यादा देखी गयी है और आपने देखा होगा की teenagers बच्चों में भी यह समस्या होने लगी है यहाँ तक की पैदा होने वाले बच्चे को भी पीलिया बता दिया जाता है क्योकि उनमे खून की कमी होती है या एनेमिक हो जाता है।
हीमोग्लोविन किसे कहते है
हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं( RBC ) में प्रोटीन अणु होते है जो फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के अंग एवं ऊतकों तक ले जाता है और ऊतकों से कार्बन डाइऑक्साइड वापस फेफड़ों में लौटाता है.
ऑक्सीजन के परिवहन के अलावा, हीमोग्लोबिन कार्बन डाइऑक्साइड को कोशिकाओं से बाहर और फेफड़ों में ले जाता है। जब कोई व्यक्ति साँस छोड़ता है तब कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है। कम हीमोग्लोबिन होने से शरीर के लिए इन कार्यों को करना मुश्किल हो सकता है।आयरन रक्त उत्पादन के लिए एक आवश्यक तत्व है।
आपके शरीर का लगभग 70 प्रतिशत लोहा आपके रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है जिसे हीमोग्लोबिन कहा जाता हैऔर मांसपेशियों की कोशिकाओं में जिसे मायोग्लोबिन कहा जाता है। आपके रक्त में फेफड़ों से ऊतकों तक ऑक्सीजन स्थानांतरित करने के लिए हीमोग्लोबिन आवश्यक है।
हीमोग्लोबिन संरचना
हीमोग्लोबिन चार प्रोटीन अणुओं (ग्लोबुलिन चेन) से बना होता है जो एक साथ जुड़े होते हैं। सामान्य वयस्क हीमोग्लोबिन (संक्षिप्त एचजीबी या एचबी) अणु में दो अल्फा-ग्लोब्युलिन श्रृंखलाएं और दो बीटा-ग्लोब्युलिन श्रृंखलाएं होती हैं।
भ्रूण और शिशुओं में, बीटा श्रृंखलाएं आम नहीं होती हैं और हीमोग्लोबिन अणु दो अल्फा श्रृंखलाओं और दो गामा श्रृंखलाओं से बना होता है।जैसे-जैसे शिशु बढ़ता है, गामा श्रृंखलाओं को धीरे-धीरे बीटा श्रृंखलाओं से बदल दिया जाता है, जिससे वयस्क हीमोग्लोबिन संरचना बनती है।
प्रत्येक ग्लोब्युलिन श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण लौह युक्त पोर्फिरीन यौगिक होता है जिसे हीम कहा जाता है। हीम यौगिक के भीतर एक लोहे का परमाणु होता है जो हमारे रक्त में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के परिवहन में महत्वपूर्ण होता है। हीमोग्लोबिन में मौजूद आयरन रक्त के लाल रंग के लिए भी जिम्मेदार होता है।
हीमोग्लोबिन भी लाल रक्त कोशिकाओं के आकार को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपने प्राकृतिक आकार में, लाल रक्त कोशिकाएं गोल होती हैं और बीच में एक छेद के बिना एक डोनट के सदृश संकीर्ण केंद्र होते हैं।इसलिए असामान्य हीमोग्लोबिन संरचना लाल रक्त कोशिकाओं के आकार को बाधित कर सकती है और रक्त वाहिकाओं के माध्यम से उनके कार्य और प्रवाह को बाधित कर सकती है।
हीमोग्लोबिन नार्मल रेंज कितना होना चाहिए
हीमोग्लोबिन की रेंज बच्चों से लेकर व्यस्क तक अलग होती है।
- महिलाओँ या फीमेल में जो नार्मल रेंज होती है ,वह 12 – 18 वर्ष की उम्र में हीमोग्लोबिन रेंज 12 .0 – 16 .0 ग्राम / डीएल होती है.लेकिन जैसे -जैसे उम्र बढ़ती जाती है तो इसका लेवल 18 वर्ष की उम्र में 12 .1 से 15 .1 ग्राम /डीएल कम होता जाता है। महिलाओ के बॉडी में 12 .0 से 16 .0 ग्राम /डीएल होना नाॅर्मल होता है.
- पुरुषो में इसका लेवल 12 -18 वर्षो में हीमोग्लोबिन रेंज 13.0 से 16 .0 ग्राम / डेसीलीटर (g/dL) होता है लेकिन 18 वर्ष से अधिक पुरषों में 13.8 से 17.2 ग्राम / डेसीलीटर (g/dL) हो सकता है।
- बच्चों में रेंज – उम्र 6-12 महीने के बच्चों में हीमोग्लोबिन रेंज 11.3-14.1 ग्राम / डेसीलीटर पुरुष और महिला दोनों मैं। बच्चों में हीमोग्लोविन mostly लेवल ज़्यादा होता है ,लेकिन जैसे -जैसे उम्र बढ़ती जाती है यह एक saturation पार्ट ले लेता है।
- उम्र 1-5 वर्ष के बच्चों में हीमोग्लोबिन रेंज 10.9-15.0 ग्राम / डेसीलीटर पुरुष और महिला दोनों में।
- आयु 5-11 वर्ष के बच्चों में हीमोग्लोबिन रेंज 11.9-15.0 ग्राम / डेसीलीटर पुरुष और महिला दोनों में।
- आयु 11-18 वर्ष के बच्चों में हीमोग्लोबिन रेंज पुरुष 12.7-17.7 ग्राम / डेसीलीटर और महिला 11.9-15.0 ग्राम / डेसीलीटर।
शरीर में हीमोग्लोविन कमी होने के कारण
- कम आयरन आहार वाला भोजन लेना।
- आयरन digestion की समस्या होना।
- बिटामिन बी -12 की कमी होना।
- थायराइड की समस्या होना।
- महिलाओं में मासिक धर्म की समस्या होना।
- गर्भव्यवस्था की कंडीशन में भ्रूण में पल रहे बच्चे को भी हीमोग्लोविन या ब्लड की जरुरत होती है इसलिए HB का लेवल काम होना।
- क्रॉनिक किडनी रोग होना।
- लीवर की समस्या होना ।
- थैलिसिया होने से शरीर में खून की कमी होना।
- एक्ससीडेंट ,चोट या किसी दुर्घटना का शिकार होने से HB का लेवल कम हो सकता है।
- एनीमिया , कैंसर की शिकायत होना आदि।
हीमोग्लोविन को कैसे बड़ाए
- हरे पत्तियों वाली सब्जियाँ खाए।
- खट्टे फल खाए।
- माँस ,मछली ,अंडे खाना।
- गन्ना ,सूखे मेवे , खजूर काफी हद तक hb को बढ़ाने में मदद करता है।
- बीन्स ,नट ,बीज़ , दाल, बंदगोभी, ब्रोकली, बादाम, मटर और केले को शामिल अदि ।
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